वार्षिक अधिवेशन

वार्षिक अधिवेशन

26-Feb-2022
मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने का मिला न्योता  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज, तिल्दा राज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को 06 मार्च 2022 को तिल्दा क्षेत्र के ग्राम-छतौद में आयोजित होने वाले समाज के वार्षिक राज अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए वार्षिक सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु प्रतिनिधिमंडल को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज, तिल्दा राज के संरक्षक  अनिल नायक व श्री देवव्रत नायक, राज प्रधान ठाकुर राम वर्मा,  दौलत धुरंधर,  ओम प्रकाश वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने किया माल्यार्पण

मुख्यमंत्री ने किया माल्यार्पण

26-Feb-2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर प्रवास के दौरान तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज के लोकार्पण के बाद राजीव गांधी चौक पहुंचकर वहां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक शैलेष पाण्डेय और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण

26-Feb-2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया। 107 करोड़ रुपये की लागत से इस 1620 मीटर लंबे फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। लोकार्पण के बाद तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज पर मुख्यमंत्री कुछ दूर तक चलकर गए। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक ब्रिज का निर्माण किया गया है।
मुलाकात

मुलाकात

26-Feb-2022
राज्यपाल अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने सौजन्य मुलाकात की। राज्यपाल सुश्री उइके ने डॉ. चंदेल को कुलपति नियुक्त होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कृषि संबंधी अनुसंधानों का लाभ किसानों तक पहुंचे, यह भी सुनिश्चित करने को कहा।
रोजगार के नए द्वार

रोजगार के नए द्वार

25-Feb-2022
वनांचल में खुले रोजगार के नए द्वार : सवई घास से महिलाओं को मिला रोजगार सवई घास के उत्पाद बनाकर हो रही है आमदनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार वनांचलों में रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए अनेक पहल कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से ट्रायफेड और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के सहयोग से 61 प्रकार के लघु वनोपज का समर्थन मूल्य निर्धारित कर वन धन योजना से संग्रहण एवं लघु वनोपज का प्रसंस्करण किया जा रहा है। शासन की योजना से रोजगार के नए द्वार खुले हैं और इसका सीधा लाभ वनांचल में रहने वाले लोग एवं स्व-सहायता समूहों को मिल रहा है। एक बानगी के तौर पर रायगढ़ जिले का वन धन विकास केन्द्र कड़ेना है, जहां सवई घास से विभिन्न उत्पाद बनाकर स्व-सहायता समूह की महिलाएँ आर्थिक संबलता की राह में आगे बढ़ रही हैं। गौरतलब है कि राज्य में संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर वनांचल के लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए लघु वनोपजों की संख्या को 7 से बढ़ाकर 61 कर दिया गया है। वहीं वनांचल में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए वन धन विकास केन्द्रों का गठन कर स्व-सहायता समूहों को बाजार तक पहुंचने मंच दिया जा रहा है। इसी तरह का एक मंच वन परिक्षेत्र बाकारूमा अंतर्गत वन-धन विकास केन्द्र कड़ेना बनकर उभरा है, जहां 12 विभिन्न महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सवई घास से टोकरी एवं कोस्टर जैसे उत्पाद बनाकर विक्रय किया जा रहा है। इस कार्य से महिलाओं को जहां रोजगार मिला, तो वहीं परिवार के लिए आर्थिक समृद्धि के साधन बने। जानकारी के मुताबिक महिलाओं द्वारा अब तक 32 क्विंटल से अधिक सवई घास का प्रसंस्करण किया जा चुका है, जिसका बाजार मूल्य 8 लाख से अधिक है। मिला प्रोत्साहन तो बढ़ा उत्साह - वन धन विकास केन्द्र कड़ेना से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सवई घास से निर्मित टोकरी को शासन स्तर पर मंत्रीमंडल को उपहार स्वरूप भेजा गया। वहीं भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय द्वारा सरस्वती स्व-सहायता समूह कड़ेना को पुरस्कृत भी किया गया। शासन स्तर पर मिले इस प्रोत्साहन से वन धन विकास केन्द्र कड़ेना से संलग्न स्व-सहायता समूह की महिलाएं उत्साहित हैं और दोगुनी ऊर्जा से कार्य कर रही हैं। परिणामस्वरूप स्व-सहायता समूह की महिलाओं और उनके परिवार के जीवन स्तर में आर्थिक सुधार आया है
नरवा विकास

नरवा विकास

25-Feb-2022
अर्दन डेम काकड़गांव से सिंचाई के साथ मत्स्य पालन का हो रहा लाभ चियोरबहार नाला में ’केम्पा मद से 87 विभिन्न भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण’ राज्य सरकार द्वारा संचालित सुराजी गांव योजना के तहत नरवा विकास कार्यक्रम अंतर्गत वनांचल स्थित चियोरबहार नाला में कैम्पा मद से 87 विभिन्न भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके तहत लगभग 16 लाख रूपए की लागत राशि से निर्मित अर्दन डेम (मिट्टी बांध) से वन मंडल कोण्डागांव अंतर्गत वन प्रबंधन समिति काकड़गांव को निस्तारी तथा सिंचाई सुविधा के साथ-साथ मत्स्य पालन का भी लाभ मिलने लगा है। चियोरबहार नाला में निर्मित अर्दन डेम से वनांचल के लोगों को निस्तारी के साथ-साथ 20 एकड़ रकबा में सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध हो गई है। अर्दन डेम का जल संग्रहण क्षेत्रफल 25 हेक्टेयर है। इसका निर्माण होने पर वन प्रबंधन समिति काकड़गांव के हितग्राही अर्दन डेम में अब मत्स्य पालन भी करने लगे हैं, इससे काकड़गांव समिति के 30 हितग्राहियों को सीधा-सीधा लाभ होने लगा है। गौरतलब है कि केम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकारात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) की वार्षिक कार्य योजना 2020-21 के अंतर्गत वनांचल स्थित चियोरबहार नाला में 66 लाख रूपए की लागत से 87 भू-जल संवर्धन संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इनमें 47 नग लूज बोल्डर चेक डेम, 24 नग ब्रश वुड चेक डेम, 03 नग 30-40 मॉडल, 02 नग वाटर सोक्ता खंती, 04 नग कन्टूर खंती, 02 नग परकोलेशन टेंक, 02 नग अर्दन डेम, 01 नग तालाब गहरीकरण तथा 02 नग वाटर होल के कार्य सम्मिलित हैं। लगभग 08 किलोमीटर लम्बाई के चियोरबहार नाला का जल संग्रहण क्षेत्रफल 01 हजार 100 हेक्टेयर है।
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार

राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार

25-Feb-2022
छत्तीसगढ़ के अमनज्योति को मिलेगा राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद ने की घोषणा मुख्यमंत्री श्री बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने दी बधाई छत्तीसगढ़ के अमनज्योति जाहिरे को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार वर्ष 2021 प्रदान किया जाएगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली ने कोरबा जिला निवासी अमन ज्योति का चयन इस पुरस्कार के लिए किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने साहसी अमनज्योति का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए होने पर उसे बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उल्लेखनीय है कि साहसिक कार्यों और बहादुरी के लिए बच्चों को नगद राशि सहित प्रमाण पत्र के साथ भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा हर साल यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। कोविड परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी। मिल चुका है राज्य बाल वीरता पुरस्कार अमनज्योति को उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों के लिए हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा राज्य वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। राज्यपाल सुश्री अनसुईया उईके द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह और राजभवन में बहादुर बच्चों को सम्मानित किया गया था। जान पर खेल बचाई थी युवक की जान कोरबा के रहने वाले 15 वर्षीय अमन ज्योति ने अपने से उम्र में बड़े एक छात्र की जान बचाई थी। एक अगस्त 2021 को फ्रेंडशिप डे के दिन कुछ छात्र कोरबा शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसखोला बांध गए थे। इनमें से झरना में हाथ-पैर धोने गए एक छात्र आशीष ठाकुर का पैर फिसल गया था। फिसल कर गिरने के कारण वह पानी में बहने लगा था। खतरनाक फिसलन वाली चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए क्योंकि उन्हें तैरना नहीं आता था। इस बीच आसपास के लोग और मित्र छात्र बहते हुए आशीष को पानी से बाहर निकालने के लिए जोर जोर से बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे। पानी में बह रहे छात्र के लिए जब कोई नहीं पहुचा तो अमनज्योति ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पानी में छलांग लगा दी और चट्टानों में फिसलते हुए छात्र को रोक लिया। उसने अपनी सूझबूझ से किसी तरह बहते हुए छात्र को किनारे पर लाया। इसके बाद वह दोस्तों की मदद से बेहोश घायल छात्र को अस्पताल भी लेकर गया। छात्र जहां पानी में बह रहा था वहां आगे बड़ी खाई थी। यदि अमनज्योति पानी में छलांग लगाकर बहते हुए छात्र को नहीं रोकता तो बहता हुआ छात्र खाई में गिर सकता था। अमनज्योति को भी तैरना नहीं आता था। अचानक से युवक को बचाने के लिए नदी में कूद जाने से उसके हाथों और छाती सहित शरीर में गहरी चोट भी लगी थी। अमन के सूझ-बूझ और साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई।
लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61

लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61

21-Feb-2022
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61 अब खरीदी में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) भी शामिल अमचूर (सफेद) 120 रूपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर 61 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस तरह छत्तीसगढ़ में लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत 52 से बढ़ाए गए 61 लघु वनोपजों में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) नवीन लघु वनोपज शामिल है। निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार इनमें हर्रा बाल 30 रूपए, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड) 10 रूपए, झाडू छिंद (घास) 15 रूपए, कोदो 30 रूपए, कुटकी (काला) 30 रूपए, कुटकी (भूरा) 30 रूपए, रागी 33.77 रूपए, अमचूर (सफेद) 120 रूपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी की जाएगी। लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61 इस संबंध में प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में संग्रहण दर मालकांगनी बीज (सूखा) 100 रूपए, बायबडिंग 94 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-1-35 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-2-31.50 रूपए, आंवला (बीज रहित) सूखा 57 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा) 220 रूपए, रीठा फल (सूखा) 14 रूपए, वन जीरा बीज 70 रूपए, सतावर जड़ (सूखा) 107 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-1-16 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-2-14.50 रूपए, शहद 225 रूपए तथा नागरमोथा (सूखा) 30 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। माहुल पत्ता 15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-13.50 रूपए, हर्रा कचरिया 25 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-17 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-15.30 रूपए, बहेड़ा कचरिया 20 रूपए तथा गिलोय (सूखा) ग्रेड-1-40 रूपए, गिलोय (सूखा) ग्रेड-2-36 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह कुसुमी लाख/छिली लाख (सूखा) 300 रूपए, वन तुलसी बीज 16 रूपए, भेलवा 9.75 रूपए, शिकाकाई फल्ली (सूखा) 50 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-1-36 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-2-33 रूपए, इमली फूल (बीज रहित) 69 रूपए, इमली बीज 11 रूपए तथा महुआ फूल (सूखा) 33 रूपए, महुआ बीज 29 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। झाडू फूल (घास) 50 रूपए, कौंच बीज 21 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-1-37 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-2-33.50 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-1-126 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-2-115 रूपए, करंज बीज 24 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-1-30 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-2-27 रूपए तथा कुल्लू गोंद 125 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। काजू गुठली ग्रेड-1-90 रूपए, काजू गुठली ग्रेड-2-81 रूपए, साल बीज 20 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-1-23 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-2-20.70 रूपए, नीम बीज (सूखा) 27 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-1-42 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-2-38 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसके अलावा संग्रहण दर आंवला फल (कच्चा) 28 रूपए, रंगीनी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) 200 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-1-275 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-2-245 रूपए, झाडू कांटा (घास) 25 रूपए, बेलफल (कच्चा) 10 रूपए, जामुन फल (कच्चा) 23 रूपए, सवई घास 15 रूपए, पाताल कुम्हड़ा कंद (सूखा) 21 रूपए, सफेद मूसली कंद (सूखा) 650 रूपए, तीखुर कंद (कच्चा) 20 रूपए, अश्वगंधा जड़ (सूखा) 350 रूपए, कोरिया बीज (इन्द्र जौ) (सूखा) 150 रूपए, कुटज छाल (सूखा) 12 रूपए तथा पलाश फूल (सूखा) 11.50 रूपए प्रति किलोग्राम
कहानी उत्सव का आयोजन

कहानी उत्सव का आयोजन

21-Feb-2022
सभी प्राथमिक स्कूलों में होेगा कहानी उत्सव का आयोजन  बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाने पर जोर  राज्य में मूलभूत साक्षरता के विकास के लिए बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के दौरान 22 फरवरी को राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव मनाया जाएगा। कहानी सुनाने के लिए स्कूलों में बड़े-बुजुर्गाें को आमंत्रित किया जाएगा, जो स्थानीय भाषा में बच्चों को कहानी सुनाएंगे। आयोजन के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से दिशा-निर्देश सभी जिला मिशन समन्वय समग्र शिक्षा को जारी कर दिए गए हैं। कहानी सुनाना दुनिया को सबसे प्राचीन शिक्षण उपकरण है। प्राचीन काल से मौखिक परंपरा का उपयोग, ज्ञान, विश्वास, परंपराओं और इतिहास को प्रसारित करने के लिए किया जाता रहा है। कहानी सुनाना किसी की कल्पना को उसके रहने वाले परिवेश या संदर्भ के साथ जोड़ता है, वह वाचक और श्रोता के बीच सार्थक संबंध के लिए आपसी अंतर को दूर करता है। कहानी एक बहुसांस्कृतिक समाज में अनेक लोगों के दिल और दिमाग को छुने के लिए सामान्य आधार बनाता है। छोटे बच्चों को कहानियां बहुत पसंद आती है। स्थानीय बुजुर्गाें से स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने का अवसर मिलने से उनके सुनने की दक्षता का विकास होता है।  जिला मिशन समन्वयकों को निर्देशित किया गया है कि सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। बड़े बुजुर्गोें द्वारा सुनाई गई कहानियों को बड़ी कक्षा के बच्चों द्वारा लिखकर संकलित किया जाए। स्कूलों में उसकी वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था रखें, ताकि उसे बाद में साझा किया जा सके। इस कार्यक्रम का आयोजन व्यापक स्तर पर करते हुए राज्य में मूलभूत साक्षरता और गणितीय कौशल विकास अभियान में सुनने के कौशल का विकास करने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए बड़े बुजुर्गाें के माध्यम से कहानी सुनाने की परंपरा को प्राथमिक स्कूलों में निरंतर जारी रखने की व्यवस्था की जाए।
राजीव युवा मितान क्लब

राजीव युवा मितान क्लब

21-Feb-2022
राजीव युवा मितान क्लब युवाओं को सशक्त बनाने का माध्यम: मंत्री उमेश पटेल प्रदेश के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल राजिम माघी पुन्नी मेला कार्यक्रम प्रदेश के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने आज राजिम माघी पुन्नी मेला के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने यहां राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सम्मानित किया और हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए ऋण का वितरण किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजिम मेला की भव्यता अब देखते ही बन रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने का काम किया है। त्यौहारों में छुट्टी के अलावा तीज त्यौहार की परंपरा को उच्च शिखर पर स्थान दिलाया है। उन्होंने सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित के साथ किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने राजीव युवा मितान कला पर फोकस करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए बजट में 50 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। प्रत्येक कला को प्रत्येक 3 माह में 25 हजार रूपये के मान से एक साल में रचनात्मक गतिविधियों के संचालन के लिए 1 लाख रूपये दिये जायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल और कॉलेजों में फाईनेंसियल साक्षरता का एक सब्जेक्ट होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने रोजगार मिशन की स्थापना की है। उन्होंने युवाओं से कहा कि आपको कड़ी मेहनत को निरंतर बनाए रखें, जिससे आपको कई अच्छी-अच्छी नौकरियां मिलेंगी। कार्यक्रम को अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने भी सम्बोधित किया। उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल द्वारा विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को चेक वितरण किया गया तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले जिले के चयनित खिलाड़ियों को सम्मानित किया। जिनमें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र गरियाबंद के द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के मार्जिन मनी अनुदान वितरण श्री उमेन्द्र नागेश, श्री प्रियांद ध्रुव, श्री पिन्टु गुप्ता सहित कुल 10 लोगों को 3 लाख 98 हजार 1 सौ रूपये का चेक प्रदान किया। छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा 3 हितग्र्राहियों को प्रोत्साहन राशि ढाई लाख रूपया, जिला अंत्यावसायी