आत्मा म आनंद भरइया स्वामी आत्मानंद
तोर संग मिलके लागिस जइसे मिलगे परमानंद
जय हो स्वामी आत्मानंद...
मन मोर मइलाए रहीस हिरदे रहिस करिया
चिक्कन-चांदन धोके करे उज्जर तैं ह बढ़िया
मोह-माया अउ कपट के छोड़ाए तैं दुरगंध....
जय हो स्वामी आत्मानंद...
राग-रंग म बूड़े राहन नइ जानन कुछू सेवा
तरी-उप्पर नाचत राहय पंड़की अउ परेवा
मिरगिन कस उछलन-कूदन ठाढ़ेच अड़दंग....
जय हो स्वामी आत्मानंद....
नाचा-गम्मत खेल-तमासा जिनगी इही लागय
दया-धरम के पाठ-पढ़ौना एती-तेतीच भागय
सुर म सुर मिलाए कस अब जुड़ागे सबो अंग...
जय हो स्वामी आत्मानंद...
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 9826992811