सावन बर कविताएं
सावन के बादर पानी दे
सावन के बादर पानी दे
1/
छत्तीसगढ़ ला खुषहाली दे।
पानी दे जिनगानी दे
सावन के...
पोथी पतरा पातर हे काबर
सागर के कोख सिरागे काबर
आकाष अंगना सूना हे काबर
गरमी अडियल पसरे हे काबर
धुर्रा गुलछर्रा उड़ावत हे काबर
बिजरावत उधम मचावत हे काबर
रहि-रहि के वो गुर्रावत हे काबर
दगाबाज आबाद हो गे काबर?
उम्मीद हमर गहरी हे बाधे
आसाढ़ के बादर ह बोदरागे
सावन के बादर...
पानी दे हरियाली दे
2/
बैसाख के साख के धाक जमें हे
लू अउ पसीना के सगाई रचत हे
जेठ तपिस दहेज चाहिस
फ्रिज कूलर पंखा भी मांगिस
झर झर झरिस पसीना के झरना
तरसेन हम हासिस वो हसीना
सूना आकाष बिजरावत हे
आसा के आसरा सिरावत हे
बीज पीक भी सुखावत हे
जम्मो बादर अब पतरागे
सावन के...
पानी दे खेत पुकारत हे पानी दे
3/
बादर ला पूछ
वो काबर रिसागे
का गलती वो हमर बता दे
कइसे मनावन तरकीब सुझा दे
करनी हमार का छूत लगे हे
नाराजगी के कारण समझा दे
बिजली के चमक देख घरो घर
बिजली उूपर कहां लुकागे
दादुर पपीहा गीत नइ गावथे
झिगुरा के राग न केकरा नाचथे
बाट जोहत मन पथरा गे
सावन के बादर...
माफी दे अउ पानी दे
4/
खेत पुकारथे पानी दे
किसान गोहरावत हे पानी दे
तरिया मांगत हे पानी दे
मेचका गिगियावत हे पानी दे
नदिया सुखावत हे पानी दे
छाता बरसाती रोवत हे पानी दे
ओरछा छानी खिसियाव हे पानी दे
आकाष पुकारत हे पानी दे
धरती पियासी हे पानी दे
सावन के बादर...
5/
सावन के बादर पानी दे
हर हाथ जुरे हे पानी दे
सब माथा नवे हे पानी दे
चित्रोत्पला मांगत हे पानी दे
अरपा पैरी ला पानी दे
षिवनाथ पुकारत हे पानी दे
तेल जोक ला पानी दे
सोढुर सुखावत हे पानी दे
इंद्रा खारून ला पानी दे
केलो माड गोहरावत हे पानी दे
पानी दे हमला पानी दे
सावन के...
6/
हे बरखा रानीे अब पानी दे
सागर सुत बादर पानी दे
ष्यामल तन मेघा पानी दे
हे मेह के दाता पानी दे
भुइंया महतारी ला पानी दे
माटी के किरिया ते पानी दे
छत्तीसगढ़ ला खुषहाली दे
सवन के बादर पानी दे
पानी दे अब पानी दे...