आमचो हल्बी-आमचो समाज
आमचो समाज
मोचो युवा साथिमन समाज के युवा मन ले खुबे आषा विष्वास उम्मीद आसे हमनके होन विष्वास के बनाऊन राखूक लागेदे। एचोकाचे सकारात्मक मन बनाऊन भारी आपन चो सोच के आपलो सपना के ऊपर सगाउक पढे़दे। विकास चो गति मे खुबे (विषाल) सोच संग पूरे जाऊक लागेदे। नया पीढी चो विकास करतोर काजे आपन चो समाज चो व्यवस्था, संस्कृति के जानुक लागु आए जेन समाज मे आमी जनम धरलुंसे मांतर होन समाज चो कर्ज और फर्ज आमके निभाऊन लागेदे। खंडिक सोंचून देखा आमचो समाज चो कितरो लोग आर्थिक रूप ले सम्पन आसोत कितरो लोग षिक्षित अंरू प्रगतिषील बिचारधारा मे आगे आसोत। आमी दुसर समाज संग जब तुलना करूंसे तो आमचो समाज के समझतो चो कोषिष मे कितरोय साल लागु आए । नषा अरू दुसर समाज चो बहकावा मे आमी खुबे जल्दी जावसे ये आमचो सबमे बडी कमजोरी आए। आमके लडाई झगडा के छोडुन भारी चिंतन षील बिचार ले समाज चो प्रगति चो बारे में रोज प्रत्यन्तषील बनतो जरूर आसे।
आमी जसन सोचुंआ उसने बनुंआ आमचो बडे सोंच अनुसार करम बेल ऊंचा होतोर आय। यदि आमी नकारात्मक भाव आमचो मन में आनुंआ तो आमीचो मन दुशित होऊ आय। अरू आमी कोनी भी काम मे सफल होऊक निसकुं। मै मांफी मांगेसे पर ऐ गोठ सत्ते आय की आमी आपलो ज्यादा समय एक दुसर चो चारी चुगली गीरातो काजे जलन मे बीताऊंसे होनीच कारन आमचो बीचार मे खुबे गंदगी भरेसे। आमचो ऐही नकारात्मक सोच चो कारण लोग मन हामचो ले दुर होसत आमी दिन भर काम करून जीतरो निथकुन उपरो तो आमी खंडिक भर मे दुसर चो चारी चुगली, क्रोध चिंता करलो मे थकुंसे।
गोटोक जमाना असन रहे कि गांव चो मुखिया, पटेल, गायता चो घर मे रोज मनुक मन खुबे ऐते रला। जरूर तेमन चो ऊपर कुछ बात रहे तेमनचो प्रति विष्वास रहे। तेमनचो गोठ में मिठास रहे। होनमन समाज चो बिरादर मन काजे आदर्ष रेहोत आपलो प्रतिश्ठ, मान सम्मान चो लाज रखोत। जमा बिरादर मन चो हर परिस्थिति मे बिना कंही भेदभाव ले सब समस्या मन चो समाधान करोत। कायकाज की तेमन लोगमन संग मन से दिल से निःस्वार्थ भाव से जुड़ते राला। पर आज असन विष्वास काए काज सहाय। एके आमके चिंतन करतो आय कि आमचो प्रति आज लोग मन कायकाज विष्वास निकरोत, कायकाज आमी आज आदर्ष बनुक निसकुं। आमचो जिम्मेदारी कहां तक आसे कायजनन, बिहाव, मरनी काम चो संचालन तक ही आम चो काम आय काय। मातर आमचो जीवन इथाय ले रली काय। आम चो असल काम तो संस्कार रीति नियम के संचालन चो साथ साथ आपलो संपाए विकास करवन भारी आपलो परिवार, समाज चो जमाय बिरादर मन चो संर्वगीर्ण विकास मे साथ देतो आए। मन मे रलो मइल के दुर करतोर आए समाज मे कुछ गंदगी, असमाजिक लोग मन चो द्ववारा फैलावलोत तेको थेबतो आए। जनकल्याणकारी योजना मन के सांगतोर आय जोन मन पिछडला से तेमन के पुरे आनतोर काज, षिक्षा, स्वास्थय, रोजगार, स्वरोजगार, व्यवसाय, आधुनिक खेती मन के सांगतोर आय अरू जमाय बिरादर मन संग मन से दिल से जुडतो आए। घर के बडे होलो में जरूरी नोहोय कि सब सगा मन आमचो घर मे एथे। घरवाला मन चो दिल, मन बडे होतोर आय ता तेमन चो घर मे जमाय सगा एथे।
जीवन में आपलो गोटोक लक्ष्य बनातोर आय, अरू ते लक्ष्य के धरतो काज समय के संगाऊन भारी सकारात्मक सोच संग अवसर के जाऊक देतोर नोहेय। आपलो परिवार के हरिक बनातोर बले खुबे बडे जिम्मेदारी आय। पहली घर मे जमाय लोग मन एक संग मिलुन भारी काम करते रहोत। जेवनकरोत जेचोक खुबे बडे महत्व रहे। कौन कितरो जेवनकरसोत कसन करसत ऐके देखुन भारी घर चो सियान आपलो परिवार चो लोगमन चो हालचाल अनुषासन के समझत। और जेनबले समस्या रेहे होनके दुर करोत। पर आज घर मे जमाय लोग एक संग जेवन निकरोत आपले परिवार चो संस्कार अनुषासन ऐमे दखुक मिरेसे।
पडतो लिखतो असली षिक्षा नोहोय असल षिक्षा तो एक दुसर चो विकास में सहयोग करतो, सदाचार, सदविचार, संस्कारवान, सभ्यता चो रक्षा करतोर अनुषासित रहुन भारी आपलो परिवार अरू समाज मे हरिक मन ले षुखी जीवन जीवतो काज आपलो योगदान देतो आय। आपलो जीवन मे सबले बडे अपराध कांचोय आंखी मे आंसु तुमचो वजह से होलेक अरू जीवन चो सबले बडे उपलब्धी कोन्हीचो आंखी मे आंसु चुमचो काजे होतोर आय। होनचोय काजे जमाय बिरादर मन संग हरिक मन ले जुडुन भारी हमेषा सकारात्मक भाव संग खुद बले हरिक मन रहुन भारी समाज चो बिरादर मन के सुख बांटतोर आय। अरू एक दुसर के सहयोग करतोर आय।
लिखतो बिता
कृश्णपाल राणा
अध्यक्ष युवा प्रकोश्ट